Wednesday, 4 April 2012

RELIGION


हिन्दू धर्म की प्रतिष्ठा सत्य और आहिंसा पर निर्भर है। और इसी कारण हिन्दू धर्म किसी भी धर्म  का विरोधी नहीं हो सकता है। { हाँ भले ही,  कुछ लोगो के कारण  आज यह बात गलत साबित हो रही है । } हिन्दू धर्म की नित्य प्रदिक्षणा यह होनी चाहिए कि जगत के सर्व धर्मो की उन्नति हो और उसके द्वारा सारे संसार की उन्नति हो। 
संसार में लाखो ईसा , मुहम्मद , बुद्ध या राम जन्म ले तो भी आपका या मेरा उद्धार नहीं हो सकता । जब तक की  हम स्वयं अपने अज्ञान को दूर करने के लिए कटिबद्ध नहीं होते तब तक तुम्हारा कोई उद्धार नहीं कर सकता । इसलिए दूसरो का भरोसा मत करो , चाहे वो जो भी हो ......कोई भी 
आप  सब अपने , अपने घर , अपने धर्म , अपने जाति , अपने शहर , अपने देश से ऊपर उठ कर सोचिये , अगर आप ऐसा करते है तो दुनिया की कोई भी शक्ति आपको महान बनने से नहीं रोक सकती , लेकिन यदि आप ऐसा नहीं करते है तो { am sure }  दुनिया की कोई भी शक्ति आपको महान नहीं बना शक्ति ।  

No comments:

Post a Comment