मैं रास्ते से गुजर रहा था, ऑटो वाले का मीटर सही चल रहा था, जहाँ रोज ३६ रूपये हो जाते थे आज वहां पर १६ रूपये दिख रहे थे,
राशन की दूकान में भीड़ लगी थी सब थैले भर भर के राशन ले जा रहा था राशन की दुकान में पहली बार मैंने राशन देखा था |
फिर एक आंटी मेरे बगल में आकर बैठी उसने कहा के उसने ८ बजे फ़ोन किया और ९ बजे उसके घर पर सिलेंडर आ गया |
फिर हमारा ऑटो पेट्रोल पम्प पर गया वहां पर ४० रूपये लीटर तेल था ऑटो वाले ने शान से कहा १०० का भर दे
... हम फिर निकले मेरे घर की और टोल नाका लगा एक लड़का आया उसने कहा के यह टोल नाका तो २ साल पहले बंद हो गया है आपको पैसा देने की जरूरत नहीं है | एक और मुसाफिर हमसे जुड़ा उसके हाथ में दो सब्जी के थैले थे कह रहा था के उसने २० रूपये में सब्जी ली है | उतने में आवाज आयी की आज तुमको उठना नहीं है क्या ? और मेरा सुनहरा सपना टूट गया ।
... हम फिर निकले मेरे घर की और टोल नाका लगा एक लड़का आया उसने कहा के यह टोल नाका तो २ साल पहले बंद हो गया है आपको पैसा देने की जरूरत नहीं है | एक और मुसाफिर हमसे जुड़ा उसके हाथ में दो सब्जी के थैले थे कह रहा था के उसने २० रूपये में सब्जी ली है | उतने में आवाज आयी की आज तुमको उठना नहीं है क्या ? और मेरा सुनहरा सपना टूट गया ।
गरीबो के लिए बड़े बड़े वादे करने वाली सरकार ने बजट
... में खेती के लिए जिस पर देश के 75 करोड़ किसान आश्रित है उनके लिए उनके
लिए सिर्फ 20 हज़ार करोड़ रुपया ही रखा है जिसमे से भ्रस्ताचार ,नोकरशाही
,सरकारी खर्चे में 50% से ज्यादा खर्च हो जाएगा और गरीब आदमी के लिए बचेगा सिर्फ 10 हज़ार करोड़ .75 करोड़ के लिए बजट में सिर्फ
10 हज़ार करोड़ रुपया का प्रावधान है ये कैसा सामाजिक न्याय है भाई .इस बजट में किसानो को कर्ज से मुक्त करने के से स्थायी उपाय की जगह कर्ज सस्ता
करके उन्हें कर्जा में फ़साने का सरकार ने षड़यंत्र किया है
अगर
कला धन भारत में आ जाता है तो भारत के अर्थवयवस्था
400 लाख करोड़ के होती
और सरकार का कुल बजट ७० लाख करोड़ का बनता.इसलिए सोचिये जरा कालाधन लाना
भारत के लिए कितना जरूरी है .
ध्यान रहे भारत सरकार के बजट के कुल राशी
लगभग 15 लाख करोड़ है जिसमे से लगभग 10 लाख करोड़ सरकारी खर्चे ,नोकरशाही
,और कर्ज चुकाने में ही चला जाएगा और जनता के हिस्से में आएगा सिर्फ ५लाख
करोड़ और उसमे से भे आधा भ्रस्ताचार की के भेट चढ़ जाएगा.....
चाणक्य ने एक बार कहा था,-
''इस देश को इतना नुक्सान दुष्टों की दुष्टता से
नहीं हुआ जितना सज्जनों की निष्क्रियता से हुआ है''..
जो लोग बड़ी शान से कहते है,-
''I HATE POLITICS'',
उनसे निवेदन है की आपकी राजनीति में दिलचस्पी न हो
लेकिन राजनीति न सिर्फ आप में दिलचस्पी रखती है,
बल्कि वो आपके जीवन को हमेशा प्रभावित भी करती है.
और आपकी आने वाले समय की राजनीती का भविष्य
आज की पीडी ही तय करेगी है........... हमारे नेता छिपकलियों की तरह ही है ..
छिपकलियाँ बड़ी होशियारी से रात के अँधेरे में, छोटे मोटे कीड़ों को निगल जाती है......
और सुबह होते होते अपने गुनाहों को छुपाने के लिए,
किसी गौतम या गाँधी की तस्वीर के पीछे छिप जाती है
इंडिया वास्तव में क्या है ?????वास्तव में इंडिया का हाल है क्या ये तो सब जानते हैं| बस नहीं जानती तो यहाँ की सरकारें :) उन्हें"हो रहा भारत निर्माण"ही दिखता है| मीडिया और टीवी पर ये सब देख के हम भी कभी कभी कल्पना के सागर में गोते खा लेतें हैं, कि हा हो रहा भारत निर्माण यानि इंडिया निर्माण| पर सच ये नहीं है| सच ये है की ३६ रूपये कमाने वाला यहाँ अमीर है, अब ३६ रूपये कमाने वाला अमीर है तो स्विस बैंक में जिसके ३६ करोड़ या ३६ अरब हों वो तो दुनिया का बाप होगा| तो ये एक गर्व की बात है हमारे लिए की हमारे देश के कई नेताओं और बड़े बड़े लोगों के स्विस बैंक में अरबों रूपये हैं जिसकी तुलना में और देश हमारे सामने कुछ नहीं| है ना गर्व की बात| यही तो भारत यानि इंडिया निर्माण ;) |
स्विस बैंक के एक बड़ें अधिकारी के अनुसार भारत कभी गरीब देश ना था, ना है और ना रहेगा| जितना पैसा भारत का स्विस बैंक में हैं जो की आम जनता को लूट के वहा जमा किया गया है, इतना किसी देश का स्विस बैंक में नहीं| स्विस बैंक चल ही हमारे देश के पैसे से रहा है| यूरोप और अमेरिकेन जनता हमारी तरह बेवकूफ नहीं जो अपने हक़ की कमाई स्विस बैंक को रखने के लिए हँस हँस के दें| इतने उदार, महादानी और बड़ें दिल वाले तो इंडियन यानि भारतीय ही हो सकते हैं ना? कभी कभी भारतीय लिखने से लोगों को समझ नहीं आता इस लिए इंडियन इस देश में लिखना पड़ता है :) | I Am Proud To Be An Indian .. A BIG LOL :)
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए..! मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए...
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